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भीगते जज़्बात

“भीगते जज़्बात” दिल के पन्नों पर कुछ भीगे लफ़्ज़ रखे हैं, तेरे बिना भी हर पल तुझमें है जिए हैं, हर ख़ामोशी में तू पुकारा गया है, हर आँसू में बस तू ही उतारा गया है। चाहा था तुझे बस अल्फ़ाज़ से नहीं, तेरी हर बात में खुद को ही पाया कहीं, मगर तू गया […]

क्षणिकता का चित्र/नक्श -ए -उम्र रेत पर

विषय – क्षणिकता का चित्र / नक्श -ए -उम्र रेत पर हथेली मे थमी थी कुछ रेत की लकीरें, वो भी अब वक़्त की तरह फिसलने लगी हैं, झुर्रियों मे छुपी है बीते लम्हों की तस्वीरें, जो आंखों के सामने होकर भी धुंधली सी लगती हैं। एक हाथ मे थमी है रेतघड़ी पुरानी, टिक-टिक मे […]

“कौन हुँ मैं”

शीर्षक – “कौन हूँ मैं” पांच तत्वों से मिलकर बना माटी का देह ये, इक दिन इसी मे मिल जाना है, पूछते हो “कौन हूँ मैं”….? क्या इसका सटीक उत्तर आज तक कोई दे सका है? सब मोह-माया की इस नगरी मे लीन ऐसे हो गए है, इस मानव देह को नश्वर समझ के भी […]