ज़िन्दगी इत्तेफ़ाक़ है

प्रतियोगिता : हम चार प्रतियोगिता टॉपिक : ज़िन्दगी इत्तेफ़ाक़ है राउंड : दूसरा रचयिता : सुनील मौर्या ज़िन्दगी इत्तेफ़ाक़ है ———————— कभी मुस्कान में छिपा दर्द, कभी आँसू में सुकून, कभी रास्ता हुआ तय, कभी मंज़िल हुई गुमसुम। कभी कोई अजनबी अपना बन गया, तो कभी अपना ही पराया लगने लगा। कभी वक़्त ने सिखाया […]

ए आई और इंसानी भावनाएं

प्रतियोगिता – हम चार विषय – ए आई और इंसानी भावनाएं ए आई का ज़माना इंसानियत को मार रहा दिखावे के चक्कर में इंसान खुद से हार रहा दौर ये कैसा आया हैं कवि भी सारे हैरान हैं इंसानी मेहनत पर ए आई वाहवाही लूट रहा कितनी खुश हैं महिलाएं वर्चुअल साड़ी पहन देखना भविष्य […]

जरा उनकी भी सोचो ( छोटे कारीगर और विक्रेताओं को समर्पित)

सीरीज 1 l राउंड 1 l प्रतियोगिता 9 ज़रा उनकी भी सोचो ————————— (छोटे कारीगर और विक्रेताओं को समर्पित) ज़रा उनकी भी सोचो, जो धूप में तपकर, छाँव की दुआ करते हैं, जिनके हाथों की लकीरें तक मिट जाती हैं। वो जिनकी साँसों में पसीने की ख़ुशबू होती है, पर आँखों में सपनों का समंदर […]

मर्यादित कौन

प्रतियोगिता – सीरीज़ 1, राउंड 1 विषय: मर्यादित कौन भाव: सामाजिक मर्यादा, सच्चाई और अन्याय पर प्रहार रावण को क्यों जलाते हैं, आज तक समझ आया नहीं,बुराई तो इंसान में है, रावण को फिर जलाने से हर बार रोका क्यों नहीं… हर साल पुतला जलता है, पर भीतर का रावण मुस्काता है, झूठ, घमंड, लालच […]

नई पीढ़ी और बदलते संस्कार

प्रतियोगिता – “आह्वान” विषय – नई पीढ़ी और बदलते संस्कार बदला जमाना, संस्कार भी बिल्कुल बदल गए नई पीढ़ी के बच्चे आदर, सम्मान भी भूल गए घमंड हुआ अमीरी का अहंकार हैं हावी हुआ संस्कारों के साथ युवा इंसानियत भी भूल गए रिश्ते सारे आज शॉर्ट फॉर्म में बिल्कुल बदल गए माता पिता थे जो […]

नई पीढ़ी और बदलते संस्कार

सीरीज 1 प्रतियोगिता 8 —————————— प्रतियोगिता : आह्वान प्रतियोगिता टॉपिक : नई पीढ़ी और बदलते संस्कार राउंड : एकल रचयिता : सुनील मौर्या नई पीढ़ी और बदलते संस्कार ———————————— नए समय की धड़कनें, नई सोच के हैं गीत, तकनीक की राह पर चलकर, बदली है रीत। कभी घरों में गूँजता था, मिलन का त्योहार, अब […]

मेरे हमदम मेरे मीत

कविता प्रतियोगिता:  दिल से दिल तक सीरीज: १ शीर्षक                  : “मेरे हमदम मेरे मीत ” अजनबी बनकर मिले थे दोनों आज बन बैठे हैं हमदम और मीत कुछ बातें कहनी थी आपसे जो कभी न बयां हो पाई। याद है जब पहली बार हमारी नज़रे टकराई थी फ़िर मेरी आँखें थोड़ी सी मुस्कुराई और कैसे डबडबाई थी […]

“वो महकते हुए से ख़त”

प्रतियोगिता : “दिल से दिल तक” विषय : “वो महकते हुए से ख़त” वो महकते हुए से ख़त तुम्हारे जब जब आते थे घर हमारे, दिल की धड़कन बढ़ जाती थी देख उन्हें मेरी ख़ुशी के मारे। जब आता डाकिया लेके ख़त बेताबी सी बढ़ जाती थी दिल के द्वारे, जैसे कि बंद लिफ़ाफे से […]

दिल से दिल तक

प्रतियोगिता- दिल से दिल तक शीर्षक- प्यार का बंधन प्यार का बंधन पावन है, जैसे गगन के तारे, अमर दीप-सा जगमगाता, जीवन पथ उजियारे। यहाँ न लोभ, न मान-माया, न कोई छल की रेखा, सत्य-भक्ति के सुर मिल जाते, मधुर भाव की लेखा। सपनों में भी यह जगता है, जागे दिल के साथ, सुख-दुख में […]

प्रतियोगिता दिल से दिल तक देखा चेहरा उसका

*टॉपिक* :- देखा चेहरा उसका प्रतियोगिता : *दिल से दिल तक* दिनाँक :- 29.09.2025 देखा चेहरा उसका तो दिन कुछ निकल जाने लगा, हर बात पर वो दिल जो उसका पिघल जाने लगा। (१) गुस्से में थोड़ी ज़्यादा ही वो नकचिढ़ी लगने लगी, बातों ही बातों मुँह फूला इश्क़ फ़िसल जाने लगा। (२) -“चंद सिफ़ारिशों […]