भीगते जज़्बात

“भीगते जज़्बात”

दिल के पन्नों पर कुछ भीगे लफ़्ज़ रखे हैं,
तेरे बिना भी हर पल तुझमें है जिए हैं,
हर ख़ामोशी में तू पुकारा गया है,
हर आँसू में बस तू ही उतारा गया है।

चाहा था तुझे बस अल्फ़ाज़ से नहीं,
तेरी हर बात में खुद को ही पाया कहीं,
मगर तू गया तो कुछ भी साथ ना गया,
बस ये जज़्बात थे,जो हर पल भीगता रहा।

बाहर तो सूखा था चेहरा मेरा…
मगर भीतर इक समंदर था घेरा,
ना शिक़ायत की,ना ही तुझसे कुछ माँगा,
तेरे लिए हर खामोशी मे ख़ुद को टाला।

अब न तू है,न वो मुलाकात बाकी है…
बस जज़्बात है जो अब भी तुझमें ही बसते है,
कभी सावन की बूंदों मे,कभी ख्वाबों की रातों मे,
ये भीगते जज्बात तुझसे ही बाते करते है।

✍️Sweety mehta

Updated: July 2, 2025 — 5:43 pm

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