टॉपिक ___ खुद से संवाद
सुनो यारा जब से जिंदगी से तुम्हारा जाना हुआ है,
क्या कहूं कि मेरा ये दिल मुझसे अनजाना हुआ है।
तुम कभी नहीं आओगी ये इल्म रहेगा मुझे लेकिन,
दिल के मंदिर में बस तुम्हारा आना जाना हुआ है।
मैंने खुद को झूठी तसल्ली भी देना बंद कर दिया है,
जब से मेरी जिंदगी में अकेलेपन का आना हुआ है।
तुम्हारे जाने के बाद से मेरा एक और रिश्ता बना है,
मेरे अंधेरे कमरे के आइने से मेरा दोस्ताना हुआ है।
मैं खुद को संभाल लेता हूं दिन में हमेशा ही लेकिन,
अब तो बस रात में तन्हाइयों का आशियाना हुआ है।
अब बस तुम्हारे एक आखिरी दीदार की ख्वाहिश है,
ऐसा लगता है कि तुम्हारे दीदार को ज़माना हुआ है।
मैं कैसे कहूं तुम्हारे दूर जाने का सबब कैसा है यारा,
मेरे दर्द ए दिल की दवा बस एक मयखाना हुआ है।
मेरे लिखे हर मिसरे में तुम्हारा ही जिक्र होगा राव,
तुम्हारा प्यार मेरा सबसे खूबसूरत नज़राना हुआ है।