आइने की बात/प्रतियोगिता विधा/कविता खुद से संवाद आईना भी पूछता है कैसे खुश रहते हो तुम । और सबकी बात कड़वी किस तरह सहते हो तुम ।। आंँसुओं को आंँख से कैसे भला हो रोकते । गलतियां पर क्यों नहीं अपनों को हो तुम टोकते। बंधनों की बेडियो में बंध तुम रहते सदा । औरों […]