नेता बदलते हैं, नीयत नहीं हर पाँच साल में भीड़ जुटी, फिर वही वादों की पोटली खुली। चेहरे बदले, चाल वही थी, नीति-नीति कह, राजनीति चली। हाथ जोड़े, झूठे वादे, भाषणों में फिर उड़ते बादे। “हम लाएंगे परिवर्तन!” का नारा, पर फिर वही पुराना किनारा। कभी धर्म की बात चली, कभी जाति की चाल चली। […]
Category: Hindi Shayari
“न्यूज़ एंकर बनाम न्यूज़”
“न्यूज़ एंकर बनाम न्यूज़” कभी अख़बार की सुर्खियों में सच्चाई सांस लेती थी, कभी न्यूज़ चैनल लोगों की आवाज़ बनते थे। आज वो आवाज़ें बिक चुकी हैं, अब खबरों की जगह ड्रामा और हंगामा परोसा जाता है। जो मुद्दे खेतों की मिट्टी और किसानों की मेहनत से उठते थे, अब वो स्टूडियो की गर्म रोशनी […]
मोहब्बत का लॉग आउट
##मोहब्बत का लॉग आउट## 🌻 मोहब्बत से तौबा करना खुशियो का न अपने सौदा करना मोहब्बत मिलती नहीं किसे जज्बात न अपने साझा करना दिल लगाना एक जुर्म है यहाँ कौन समझता है दिल यहाँ बदल जाते है लोग पल मे तू सदियों का न कोई वादा करना जिसे चाहो वही सताता है बहुत हो […]
मोहब्बत का लॉगआउट
Topic: मोहब्बत का लॉगआउट हाय मेरी किस्मत, क्या दिन आए रे, बीवी के ताने, मेरा बीपी बढ़ाए रे। लॉकडाउन ने ऐसा कहर ढाया था, मेरी मोहब्बत का लॉगआउट करवाया था। मेरी डिग्री करदी वेस्ट, मुझे बेरोजगारी का मज़ा चखाया था। इंस्टॉल हुए नए ऐप, डिलीट हुई मोटिवेशन, लॉगिन करते हर साइट पर बढ़ती रहती नौकरी […]
“मोहब्बत का लॉगआउट
मोहब्बत का लॉगआउट कभी इश्क़ था इबादत, सुकून की एक दुआ, अब DP बदलना और स्टोरी डालना ही बन गया रिवाज हुआ। पलकों में सपनों का संसार अब किताबों में नहीं, बस इंस्टा रील्स में बचा है इश्क़, पर वो भी झूठी ही सही। कभी इंतज़ार की घड़ियाँ दिलों को धड़काती थीं, चिट्ठियों की ख़ुशबू […]
Jaliyavala bag hatyakand
जब बाग में खून बरसा था…जलियांवाला चैत की दोपहर थी, उम्मीदें जवाँ थीं, धरती की छाती पर आज़ादी की दुआ थी। पर नफ़रत की नज़र ने जो बारूद बोया, जलियांवाले बाग़ में, वही मौत का साया था। ना तलवार थी, ना कोई बगावत, बस हाथों में तिरंगे की मासूम सी चाहत। माँओं की गोद, बच्चों […]
मै इंडिया गेट हूँ..
मैं इंडिया गेट हूं… मैं खड़ा हूं चुपचाप, पर मेरा हर पत्थर बोलता है, हर नाम जो मुझ पर उकेरा है, वो शहीदों की रूह टटोलता है। ना मुझे नींद आती है, ना कोई शिकायत है मुझे, मैं तो बस वतन की मिट्टी में अमरता की गवाही हूं। सांवली रातों में जब रौशनी तिरंगे की […]
भीगी यादों के रंग
भीगी यादों के रंग नीचे गिरे कुछ काग़ज़, कुछ रंगों में डूबे हुए, तो कुछ बारिश की बूँदों से भीगे — जैसे कोई भूली-बिसरी डायरी, जैसे किसी मासूम की अधूरी कविताएँ… हर काग़ज़ का रंग, कोई सपना है जो बचपन में पनपा, किसी ने माँ के आँचल में छुप कर नाव बनाकर पानी में बहाया […]
प्रतियोगिता : आईना की बात “
विषय : खुद से संवाद मेरे घर के आईने में ही मेरा चेहरा दिखता है, बाक़ी बाहर तो लोगों को नकाब ही दिखता है… .. अक्सर तन्हाई में मुझसे बातें करते दिखता है, पूछता है सवाल,लोगों से क्यों उम्मीद रखता है… .. तुझे आता है लिखना, तुझे सब हूबहू दिखता है, इतना हॅसता चेहरा है,और […]
खुद से संवाद
प्रतियोगिता – आईने की बात विषय – खुद से संवाद बसर अपनी जिंदगी तो .. एक उम्र से कर रही हूं।। आज खुद के सामने मैं आईना.. कर रही हूं।। देखूंगी अपने चेहरे को शीशे में बार- बार… मैं अपनी जवानी की यादें ताज़ा कर रही हूं ।। रेशम सी थी जुल्फ़े कभी .. कभी […]